साहिबाबाद के पूर्व कोतवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू

साहिबाबाद के पूर्व थानाध्यक्ष के  कथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू 
साहिबाबाद 
      मानव अधिकार कार्यकर्ता की शिकायत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश पर साहिबाबाद थाने के पूर्व कोतवाल के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू हो गई है।यह जांच सीओ साहिबाबाद आलोक दुबे को एसएसपी गाजियाबाद द्वारा सौंपी गई है। 
          मानव अधिकार कार्यकर्ता राजीव कुमार शर्मा ने भूखंड संख्या 33 विक्रम एनक्लेव 80 फुटा रोड साहिबाबाद पर बने 5 मंजिला भवन की शिकायत की थी। मानवाधिकार  कार्यकर्ता का आरोप है कि थाना साहिबाबाद के कोतवाल रहे विष्णु कौशिक ने अपनी तैनाती के दौरान यह इमारत 5 मंजिल बनने दी। जबकि यह  इमारत  जीडीए द्वारा सील कर उसकी सुपर्दगी थानाध्यक्ष साहिबाबाद को दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद भूखंड स्वामी खुसनो अली और भवन निर्माता धर्मपाल सिंह ने इमारत के पुलिस की कस्टडी में होने के बावजूद उक्त प्लॉट पर एक अवैध मंजिल और बना दी।
     यह बात यहां तक सीमित नहीं है, भवन निर्माताओं के अवैध निर्माण की शिकायत करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता के खिलाफ एक अन्य बिल्डर की शिकायत पर अवैध उगाही करने का मामला भी दर्ज कर लिया। इसमें प्रमुख बात यह है कि जिस भवन निर्माता ने रात के 1:30 बजे यह उगाई का मामला दर्ज कराया था,जबकि  वह स्वयं थाना साहिबाबाद के एक आपराधिक मामले में वांछित आरोपी था। तब सवाल यह उठता है कि थाना साहिबाबाद पुलिस ने वांछित अभियुक्त को गिरफ्तार न कर उसकी शिकायत पर मानवाधिकार कार्यकर्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार की रिपोर्ट कैसे दर्ज कर ली। 
      इन्हीं मामलों को लेकर मानविधिकार  कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को एक शिकायती पत्र लिखा था। उसी शिकायती पत्र के आधार पर यह जांच चल रही है। वर्तमान में कोतवाल साहिबाबाद रहे विष्णु कौशिक डीसीआरबी गाजियाबाद के प्रभारी हैं। एसएसपी गाजियाबाद पवन कुमार ने यह जांच डिप्टी एसपी (सीओ साहिबाबाद)आलोक दुबे को सौंपी है।

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