93% अभिभावक नहीं चाहते अपने बेटों को स्कूल भेजना।कोरोना की तीसरी लहर का असर।

जीपीए के गूगल सर्वेक्षण में 93प्रतिशत अभिभावक कोरोना की तीसरी लहर के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से किया इंकार
साहिबाबाद( एसपी चौहान)।
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन(जीपीए) द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के 16 अगस्त से स्कूल खोलने के निर्णय को लेकर अभिभावको ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। जीपीए का कहना है कि उन्होंने छात्रों के अभिभावकों की राय जानने के लिए गूगल सर्वेक्षण कराया था जिसमें 93प्रतिशत छात्रों  के अभिभावकों ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर  के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार कर दिया है।  गूगल सर्वे में चार सौ पचास से ज्यादा अभिभावको ने हिस्सा लिया था जिसमे 90.4% अभिभावकों ने प्रदेश सरकार द्वारा 16 अगस्त से स्कूल खोलने के निर्णय से असहमति जताई  है।जबकि सर्वे के दूसरे प्रशन्न क्या बिना वैक्सीन लगे बच्चो को स्कूल भेजेंगे , के जबाब में 93.1% अभिभावको ने बच्चो को बिना वैक्सीन लगे स्कूल नही भेजने के उत्तर का चुनाव किया है। जबकि सर्वे के तीसरे महत्वपूर्ण प्रश्न कि क्या स्कूल सरकार द्वारा जारी कोविड के दिशा निर्देशों का पालन कर पाएंगे ? के जबाब में 90% अभिभावक ने नहीं में उत्तर दिया।
  लगातार खबरे आ रही कि सितंबर - अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है जो बच्चों के लिये  ज्यादा घातक साबित हो सकती है!
    जीपीए की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया कि देश के डॉक्टर्स , वरिष्ठ वैज्ञानिक और मीडिया लगातार देश की जनता और सरकार को कोरोना की तीसरी लहर के आने की चेतावनी दे रहे है और विशेष तौर से कह रहे है कि यह लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक साबित हो सकती है इसलिये सरकार को अभी बच्चों के लिए स्कूल खोलने के निर्णय पर विराम लगा कर तीसरी लहर के प्रकोप से देश की जनता और बच्चों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी शरू करनी चाहिए और बच्चों को जल्दी से जल्दी वैक्सीन उपलब्ध कराने की तैयारी कर देश की युवा पीढ़ी को सुरक्षा कवच देना चाहिए।

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