जनता डूबे या बचे भाजपा की बला से
जनता त्रस्त,जनता प्रतिनिधि मस्त
उत्तर प्रदेश में चुनाव सर पर हैं जनता त्रस्त है लेकिन जन प्रतिनिधियों को कोई इस परेशानी से सरोकार नहीं है। अबकी बार ऐसा प्रतीत होता है कि अगर भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी नहीं बदला तो यहां से उसे सीट खोनी पड़ सकती है।
हिंडन पार क्षेत्र साहिबाबाद के जन प्रतिनिधि मस्त हैं अपनी अपनी जीत को लेकर। लेकिन गाजियाबाद नगर निगम से संबंधित यहां ढेरों समस्या हैं जो जनप्रतिनिधियों के इरादों को ध्वस्त कर सकती हैं। बार बार मिल रही जीत से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का स्वर अब रूखा हो गया है। हिंडन पार क्षेत्र साहिबाबाद में हर तरफ भारतीय जनता पार्टी के जन प्रतिनिधियों का राज है। विधायक व सांसद तो भारतीय जनता भाजपा के चलते ही आ रहे हैं, अधिकांश पार्षद भी भाजपा के ही हैं। इस कारण भारतीय जनता पार्टी के जन प्रतिनिधियों के स्वर अब रूखे हो चले हैं । वे न सीधे मुंह बात करते हैं ना जनता से मिलते हैं ना जनता के काम करने में दिलचस्पी लेते हैं। हालांकि कुछ लोग अपवाद भी हैं।
जो अन्य लोग जो भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उनके व्यवहार को देखते हुए इस बार उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाजपा ने अपना प्रतिनिधि नहीं बदला तो शिकस्त मिलनी तय मानी जा रही है। कहने की जरूरत नहीं कि भारतीय जनता पार्टी के साहिबाबाद से विधायक जनता से कब और कहां मिलते हैं कितनी समस्याएं सुनते हैं ?कौन जाने। जब जनता बरसात के पानी में डूबती है तो वह कहां होते हैं? यही हाल सांसद वीके सिंह का है वह अभी तक जनप्रतिनिधि नहीं बन पाए हैं।वे अभी भी फौज के अफसर ही बने हुए हैं। उनके व्यवहार में लचक कम ही जनता को दिखती है। सच्चाई यह है कि भाजपा का साहिबाबाद गढ़ होने की वजह से चाहे कोई भी प्रत्याशी खड़ा कर दिया जाए वह जीत जाता है। लेकिन प्रत्याशी को यह गुमान हो जाता है कि यह उसकी काबिलियत है, जो उन्हें जीत दिलाती है।
हिंडन पार क्षेत्र की श्याम पार्क मेन कॉलोनी सबसे पहली शहरी आबादी बताई जाती है। यहीं से कई भाजपा तथा आरएसएस के कर्मठ कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवा से पार्टी को सींचा है। यहां की स्थिति यह है कि वर्षों से लोग बरसात के पानी में डूबते हैं। लेकिन वे अपनी किस्मत पर रोते हैं ।जो पैसे वाले हैं वे कॉलोनी छोड़ छोड़ कर के जा रहे हैं लेकिन जो भाजपा का मध्यम वर्गीय कार्य कर्ता है वह मन मसोसकर रह जाता है, कि वह क्या करें । पार्टी लाइन से हट नहीं सकता और जनप्रतिनिधियों के व्यवहार से वह खुश नहीं हैं।
कई कार्यकर्ताओं ने अपना नाम न छापने की शर्त पर यह बताया कि अगर यह जनप्रतिनिधि अपना व्यवहार नहीं बदलते हैं और उनकी समस्याओं को दूर नहीं कराते हैं तो अब उन्हें कुछ करना होगा।
कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश के चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी शिकस्त खा जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
कोई भी सुनवाई नहीं होती रोड का हाल यैसा है कि आज से20 साल पहले हुआ करती थी जब भी बरसात होती तो लाज पत नगर राजेन्द्र नगर इंडस्ट्री एरिया पार्
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