आईटीएस में इन लाइन राष्ट्रीय सैमिनार

आईटीएस में बैंकिंग वित्त और बीमा क्षेत्र में प्रतिमान बदलाव और आईटी विषय पर आनलाइन राष्ट्रीय समिट आयोजित
साहिबाबाद (एसपी चौहान)।
आईटीएस मोहन नगर ग़ाज़ियाबाद में शनिवार को भी बैंकिंग वित्त और बीमा क्षेत्र में प्रतिमान बदलाव और आईटी विषय पर एक ऑनलाइन राष्ट्रीय समिट का आयोजन किया गया। इस समिट में शिक्षा, बैंकिंग, क्रिप्टो करेंसी क्षेत्र के विशेषज्ञों, देश के सुविख्यात अर्थशास्त्रियों, के साथ साथ आईटी इंडस्ट्री के स्थापित विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये। 
       क्षसमिट के आरम्भ में आईटीएस - दि एजुकेशन ग्रुप के उपाध्यक्ष अर्पित चड्ढा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्तमान में बैंकिंग एवं फाइनेंस के क्षेत्र में हो रहे विकास एवं शोध कार्यों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वैश्विक स्टार पर परिवर्तन हो रहे हैं उनसे कोई भी देश या समाज अछूता नहीं रह सकता है और हम सभी को इसके बारे में जानकारी होना समय की मांग है।  उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस समिट से सभी लाभान्वित होंगे।     
          संस्थान के आईटी एवं स्नातक परिसर के निदेशक प्रो0 सुनील पांडेय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जिस प्रकार वैश्विक स्टार पर आर्थिक गतिविधियां चल रही हैं उसके कारण सभी देशों की एक दूसरे पर निर्भरता के साथ साथ ऊके विकास भी एक दूसरे के साथ जुड़ रहे हैं, मुद्रा प्रसार और एकल मुद्रा के बारे में चर्चा प्रारम्भ हो रही है। इस क्रम में ब्लॉकचैन जैसी टेक्नोलॉजी का कारण क्रिप्टो करेंसी के बारे में भी बहुत बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं जिसे अब सरकारें कानूनी रूप से स्वीकार कर रही हैं।  ऐसी स्थिति में  हम सभी इनके बारे में जानकारी रखें, बहुत आवश्यक है। 
      समिट के मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में क्रिप्टो करेंसी विशेषज्ञं एवं वन कंटाम के अध्यक्ष चिंतन ओझा ने ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी और क्रोटो करेंसी से जुड़े बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए विश्व में इसकी बढ़ती मांग एवं उसके कारणों पर प्रकाश डाला।  उन्होंने अपने सम्बोधन में वैकल्पिक करेंसी के रूप में क्रिप्टो करेंसी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा की जिस प्रकार इसके प्रति लोगोंम का रुझान बढ़ रहा है, इसके व्यावहारिक पहलुओं पर बहुत सावधानी से विचार करने के पश्चात् ही निर्णय लेने की आवश्यकता है । 
              इससे पहले संस्थान की स्नातक परिसर की उपप्राचार्या प्रो. नैंसी शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस समिट की रूप रेखा पर प्रकाश डाला।  उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में बैंकिंग और इन्शुरन्स सेक्टर के योगदान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश के सामने अनेक आर्थिक चुनौतियाँ हैं जिनका समाधान ही देश की प्रगति की सही दिशा दे सकता है । 
      मुख्य वक्ता के रूप में अपने सम्बोधन में ख्यातिप्राप्त अर्थशास्त्री, निमाया टेक्नोलॉजीज के संस्थापक एवं भारत सरकार के इन्वेस्टर एजूकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड(आईईपीएफ) आथर्टी के सदस्य  गोपाल कुमार ने बैंकिंग प्रक्रिया में सुधार कार्यों के साथ साथ इसमें टेक्नोलॉजी की बढ़ती प्रभावी भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। 
आईआईएम त्रिची के प्रो. प्रशांत गुप्ता ने सूचना प्रद्योगिकी की विशेष रूप से फाइनेंस सेक्टर में सुधारों एवं प्रक्रियाओं को सुगम बनाने में तथा इसके  वाणिज्यिक अनुप्रयोगों पर चर्चा करते हुए कहा की इस तकनीक की प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति एवं प्रभावी सुधारों में बड़ी भूमिका निभायी है। उन्होंने बैंकिंग सिस्टम और प्रत्येक नागरिक को इस प्रक्रिया में हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की दिशा में सभी पोस्ट ऑफिस को डिजिटलीकरण के प्रयास की सराहना की।  उन्होंने सीडीवीसी क्वांटम फाइनेंसियल सिस्टम, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि पर चर्चा की।  
अपने सम्बोधन में डीसीबी बैंक के उपाध्यक्ष (टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन) प्रशांत लोहार ने बैंकिंग के क्षेत्र में तकनीकी विकास एवं इसके अनुप्रयोगों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विभिन्न टेक्नोलॉजीज पर प्रकाश डाला।  उन्होंने ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी पर चर्चा करते हुए विभिन्न बिज़नेस मॉडल पर चर्चा करते हुए कहा कि तकनीकी विकास एवं बैंकिंग में इसके उपयोगिता न केवल बैंकिंग प्रक्रिया को हुए अधिक प्रभावी बना रही वरन सभी के सुगमता भी ला रही है। 
     पी डाटा सेंटर के प्रमुख वित्त अधिकारी एवं हेड - ग्लोबल मार्केटिंग, देब माल्या देब ने वैश्विक परिप्रेक्ष्य में राजस्व के सही समन्वयन एवं उसके वितरण पर चर्चा करते हुए डाटा सेंटर जैसे महत्त्वपूर्ण संस्थानों में उच्च स्तरीय तकनीकों के उपयोग और उसके परिणाम स्वरुप होने वाले लाभ पर विस्तार से चर्चा की।  उन्होंने वर्तमान समय में सभी के लिए इसके बारे में जानकारी का होना आवश्यक बताया। उन्होंने अपने सम्बोधन में देश की अर्थव्यवस्था में डाटा सेंटर्स के योगदान एवं महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा करते हुए इसके विकास, अनुप्रयोगों के साथ-साथ शोध कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। 
  फोरि स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के प्रो0 फैसल अहमद ने ग्लोबल फाइनेंशियल आरचीटेक्चर-डबलपमेंट बैंक्स,एंड जोड़ फ्लोज पर से सम्बन्धित बिंदुओं एवं इसके विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अंतराष्ट्रीय स्टार पर आईएमएफ की भूमिका एवं महत्व पर प्रकाश डाला। 
    पीवीआर के जनरल मैनेजर एवं ग्लोबल टैक्सेशन हेड पुष्पेंद्र दीक्षित ने इन्वेस्टमेंट एवं बैंकिंग के क्षेत्र में टैक्सेशन प्रक्रिया पर चर्चा की।  उन्होंने इस क्षेत्र में विभिन्न सुधार कार्यों  तथा इसके विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा  करते हुए इसके व्यावहारिक बिंदुओं पर प्रकाश डाला।उन्होंने इससे सम्बंधित प्रमुख अवयवों पर चर्चा करते हुए कहा की एक एक विस्तृत क्षेत्र है जिसमें अपनी रूचि एवं प्रवीणता की अनुसार ही सफल हुआ जा सकता है।  उन्होंने अपने सम्बोधन में छात्रों को भी अपनी भूमिका के तलाश करने की सलाह दी। 
      कार्यक्रम के अंत में प्रो0 पूजा धर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस समिट में देश एवं विदेश के लगभग 750 लोगों ने भाग लिया। 



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