विश्व कैंसर दिवस पर यशोदा अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम

विश्व कैंसर दिवस पर यशोदा अस्पताल कौशांबी में जागरूकता कार्यक्रम 
साहिबाबाद (एसपी चौहान)।
विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी  में शुक्रवार को  जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  इस मौके पर हॉस्पिटल के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषेक यादव एवं वरिष्ठ कैंसर रोग सर्जन डॉ दीपक जैन ने लोगों को कैंसर से बचाव के तरीकों पर लोगों को जागरूक किया। 
       डॉ अभिषेक यादव ने बताया कि पिछले एक साल में हमने हॉस्पिटल में 500 से ज्यादा कैंसर के मरीजों का इलाज किया है। विश्व कैंसर दिवस कैंसर की बीमारी से लड़ने के लिए हमें पूरी प्रतिबद्धता और शक्ति के साथ इस बीमारी से लड़ने के हमें संकल्प की याद दिलाता है। नई और विकसित हो रही तकनीक कैंसर रोगियों और उनके उपचार और देखभाल में शामिल लोगों के लिए आशा की किरण दिखाती हैं। पिछले 10 वर्षों में हमने निदान और उपचार में इतना विकास और परिशोधन देखा है जो सुनिश्चित करता है कि हम सही रास्ते पर है। 
        डॉ दीपक जैन ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में कैंसर के मामले खतरनाक दर से आगे बढ़ रहे हैं। वर्तमान आंकड़ों (ग्लोबोकैन 2020) के अनुसार, हमारे देश में हर साल 13 लाख नए मामले सामने आते हैं और हमारे देश में हर साल 8.5 लाख लोग कैंसर के कारण मर जाते हैं। यह दर हर साल 13 लाख से बढ़कर 19 लाख नए मामलों और भारत में 2040 तक 8.5 लाख से 13.3 लाख तक होने की भविष्यवाणी की गई है, जिससे पूरी दुनिया में भारत को एक अत्यधिक कैंसर रोगियों की संख्या वाला देश होने का ख़तरा भी बना हुआ है। 
      डॉ दीपक जैन ने बताया कि महिलाओं में सबसे आम कैंसर स्तन और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर होता है तो पुरुषों में मुह और फेफड़ों का कैंसर अन्य सामान्य कैंसर के अलावा सबसे पाया जाता है । स्वस्थ आहार और जीवन शैली के साथ आदतों को संशोधित करके अधिकांश कैंसर को रोका जा सकता है। 
       डॉ. अभिषेक यादव ने कहा कि अभी कुछ चुनौतियां बाकी हैं जिनका समाधान किया जाना बाकी है। उनमें से एक है लोगों को कैंसर की रोकथाम रणनीतियों, स्क्रीनिंग और शुरुआती पहचान के बारे में शिक्षित करना। हम जैसे विकासशील देश में उपचार, उपकरणों की लागत और इलाज के लिए दवाओं की कीमत फिर से एक बड़ा मुद्दा है। इन नई दवाओं की सस्ती जेनरिक बनाने की आवश्यकता है ताकि ये अधिक से अधिक रोगियों तक पहुंच सकें। हमारे पास पहले से ही भारत में इतनी नई दवाओं के जेनरिक और बायोसिमिलर हैं कि पिछले 5 वर्षों में रोगियों के लिए परिदृश्य में बहुत सुधार हुआ है। सरकारी और निजी क्षेत्र और फार्मा उद्योग दोनों ने इस चुनौती को अच्छी तरह से लिया है।
      डॉ दीपक जैन ने कहा कि भारत सामाजिक-आर्थिक और क्षेत्रीय रूप से विविध देश है। कैंसर किसी को भी प्रभावित कर सकता है लेकिन इलाज का परिणाम कई कारकों पर निर्भर करता है। उन्होंने आह्वान किया कि इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस की थीम "क्लोज द केयर गैप" है और इस दिन संकल्प लें कि कैंसर की देखभाल को सभी के लिए सस्ती, सुलभ और समान बनाने की दिशा में सभी संभव उपाय किए जाने चाहिए।

डॉ अभिषेक यादव ने बताया कि वर्ष 2022 की वर्ल्ड कैंसर डे का थीम 'क्लोज द केयर गैप' है, जिसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैंसर बीमारी के रोकथाम एवं बचाव के बारे में जागरूक किया जाए है। उन्होंने कहा कि यह जागरूकता अभियान पूरे विश्व में ग्लोबल यूनाइटिंग इनीशिएटिव के रूप में वर्ष 1933 से मनाया जाता है। 
डॉ दीपक जैन ने कहा कि कैंसर की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है इसलिए इस गंभीर रोग को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए इस प्रकार के आयोजनों को किया जाता है और हमारा यही प्रयास रहता है कि कैंसर बीमारी को हम जितनी जल्दी पकड़ लें और मरीज का इलाज शुरू कर दें मरीज के लिए उतना ही अच्छा रहता है और इससे रोग की गंभीरता को और मौत के खतरे को कम किया जा सकता है।

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