आईटीएस में डाटा साइंस पर सेमिनार

आईटीएस मोहन नगर में डाटा साइंस (द चेंजिंग बिजनेस लेंडस्केप) विषय पर एक ऑनलाइन राष्ट्रीय समिट आयोजित
साहिबाबाद (एसपी चौहान)।
         आईटीएस मोहन नगर ग़ाज़ियाबाद में एक ऑनलाइन राष्ट्रीय समिट का आयोजन किया गया,जिसका विषय था डाटा साइंस"द चेंजिंग बिजनेस लेंडस्केप"। इस समिट में ऐकडेमिक, रिसर्च एवं आईटी इंडस्ट्री के स्थापित विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये। 
       समिट के आरम्भ में संस्थान के आईटी एवं स्नातक परिसर के निदेशक प्रो0 सुनील पांडेय ने अतिथियों का पहले स्वागत किया तथा बाद में डाटा साइंस के विकास एवं इसकी बढ़ती उपयोगिता और महत्वा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सोशल मीडिया, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मशीन लाइर्निंग का प्रसार हो रहा है, इन पर आधारित अनुप्रयोगों के कारण बहुत तेजी से डाटा का विस्तार हो रहा है जिसके कारण शोधार्थियों पर वैकल्पिक अनुप्रयोगों के विकास की आवश्यकता भी बढ़ रही है।  
         सैमिनार के मुख्य अतिथि एवं आईआईबीएम के सलाहकार तथा कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के पूर्व प्रेजिडेंट प्रो. एके नायक ने अपने सम्बोधन में वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चल रहे शोध एवं विकास कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।  उन्होंने अपने सम्बोधन में डाटा साइंस की व्यवसाय जगत में बढ़ती उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा की जिस प्रकार आईओटी का प्रसार बढ़ रहा है, डाटा के स्टोरेज एवं संरक्षण की चुनोतियां बढ़ रही हैं।हमें उसका समाधान ढूंढ़ने की आवश्यकता है। 
        संस्थान की स्नातक परिसर की उपप्राचार्या प्रो. नैंसी शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस समिट की रूप रेखा पर प्रकाश डाला।  उन्होंने डाटा साइंस की विधा पर चर्चा करते हुए कहा की डाटा के प्रकार एवं उनके रखरखाव की दिशा में अनेक चुनौतियाँ हैं जिनका समाधान ही डाटा के सही उपयोग को सुनिश्चित कर सकता है। 
        मुख्य वक्ता तथा आरएम्एसआई के उपाध्यक्ष (टेक्नोलॉजी)  उपकार सिंह ने डाटा साइंस के वाणिज्यिक अनुप्रयोगों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस तकनीक की प्रत्येक क्षेत्र में उपयोग ने सभी के लिए इसे समझने और प्रयोग करने की प्रक्रिया को आवश्यक कर दिया है।  उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के बहुआयामी एवं बिस्तृत होने के कारण प्रत्येक विधा के छात्रों को नए रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं और सभी को इसका लाभ उठाना चाहिए। 
        अपने सम्बोधन में जीएसएमए के तकनीक निदेशक गौतम हज़ारी ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा करते हुए इसके विकास, अनुप्रयोगों के साथ-साथ शोध कार्यों पर विस्तार से चर्चा की।  उन्होंने अपने सम्बोधन में अनेक महत्वपूर्ण शोध की दिशाओं, संभावित पेटेंट एवं कार्यों के बारे में चर्चा की। 
         एनआईटी कुरुक्षेत्र के कंप्यूटर साइंस व इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. आशुतोष सिंह ने आईओटी तथा बिग डाटा के समन्वय एवं अनुप्रयोगों पर चर्चा करते हुए अनेक शोद कार्यों पर प्रकाश डाला।  
       डाटा साइंस के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ  सतीश राय ने डाटा साइंस के अनुप्रयोगों तथा इसके विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा  करते हुए इसके व्यावहारिक बिंदुओं पर प्रकाश डाला। 
      अपने सम्बोधन में समिट के वक्ताओं के क्रम में एजाइल कंसलटेंट मनु मलिक ने डाटा साइंस से सम्बंधित प्रमुख अवयवों पर चर्चा करते हुए कहा की एक एक विस्तृत क्षेत्र है जिसमें अपनी रूचि एवं प्रवीणता की अनुसार ही सफल हुआ जा सकता है।  उन्होंने अपने सम्बोधन में छात्रों को भी अपनी भूमिका के तलाश करने की सलाह दी। 
      कार्यक्रम के अंत में प्रो0 पूजा धर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस समिट में देश एवं विदेश के करीब एक हजार लोगों ने भाग लिया। 


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