हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा का अनावरण ना होने से ग्रामीण नाराज

करहैड़ा गांव में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा के अनावरण न होने से ग्रामीणों में रोष
साहिबाबाद (एसपी चौहान)।
            करहैड़ा गांव में पृथ्वीराज चौहान  द्वार पर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की मूर्ति का अनावरण नहीं होने से ग्रामीणों में रोष है। गांव वाले इसे प्रतापी हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान का अपमान मान रहे हैं।
       जानकारी के अनुसार करहैड़ा गांव में हिंडन वायुसेना केंद्र से राजनगर एक्सटेंशन की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर पृथ्वीराज चौहान द्वार बना हुआ है। यह मुख्य मार्ग पर गांव वाले महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की मूर्ति लगाने का सपना बरसों से सजोए बैठे हैं। इस स्थान का नगर निगम गाजियाबाद द्वारा सौंदर्यीकरण कर एक चबूतरा बनाया हुआ है।इस चबूतरे पर गांव वालों ने अपने पैसे से कास्य की एक भव्य पृथ्वीराज चौहान की घोड़े पर बैठी प्रतिमा बना कर रखी हुई है,जिसका अभी अनावरण नहीं हुआ है। अनावरण नहीं होने से जिला प्रशासन द्वारा इस मूर्ति को त्रिपाल आदि से ढक कर रस्सी से बांधा हुआ है। गांव वालों का कहना है कि यह महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान का अपमान है। ग्रामीणों की मांग है कि रस्सियों को खोलकर त्रिपाल को हटाया जाए, और प्रतिमा का सम्मान पूर्वक शीघ्र अनावरण किया जाए।
           ज्ञातव्य है कि दो दिन पहले गांव के कुछ उत्साही युवकों ने प्रतिमा पर बधीं रस्सियों को खोल कर त्रिपाल को हटा दिया था। सूचना मिलते ही प्रशासन ने मूर्ति को  तिरपाल से ढक कर ऊपर से रस्सी पुनः बांध दी गई है। इस मामले में थाना साहिबाबाद पुलिस ने चार युवकों के खिलाफ पहचान होने के बाद निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए शांति भंग की धारा 151 में चालान कर दिया था। जिनके नाम मनोज विक्रांत अंकित तथा नितिन हैं, चार अभी फरार बताए जा रहे हैं।
      पुलिस द्वारा की गई निरोधात्मक कार्रवाई के विरोध में आज करहैड़ा गांव के कुछ लोग मूर्ति स्थल के पास पहुंचे और उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मूर्ति की का अनावरण जल्दी से जल्दी करने की मांग की।गांव बालों को कहना है मूर्ति की अनावरण नहीं होने से न केवल क्षत्रिय समाज में बल्कि पूरे गांव के हर समुदाय के लोगों में रोष है। इस मामले में करहैड़ा गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह निर्वाण, यशपाल सिंह, गौरव निर्वाण, प्रमोद कुमार निर्वाण तथा अमित आदि ने पत्रकारों से बात करते हुए अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए अतिशीघ्र मूर्ति के अनावरण की मांग की है।
        इस संबंध में जब इस संवाददाता ने नगर मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह से बात की तो उन्होंने कोई भी जानकारी होने से अनभिज्ञता प्रकट कर दी। जब उन्हें बताया गया कि मामला थाना साहिबाबाद क्षेत्र का है तो वे बोले  कि थाने वालों से ही पूछ लो। जब उन्हें बताया गया कि थाने वाले कहते हैं कि वे केवल कानून व्यवस्था देखते हैं इस बात की जवाबदेही प्रशासनिक अधिकारियों  की है कि मूर्ति का अनावरण कब होगा या नहीं होगा। तब भी उन्होंने कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया। जब उनसे कहा गया कि आप बता दें कि किससे बात की जाए ,तब उन्होंने सोमवार को बात करने के लिए कह दिया। उन्हें बताया कि गांव में तनाव है,अगर कोई अनहोनी होती है तो आपको ही व्यवस्था देखनी होगी। इसके बावजूद भी कुछ कहने के लिए तैयार नहीं हुए।
          उधर स्थानीय पार्षद और सामाजिक कार्यकर्ता विजेंद्र चौहान का कहना है  कि जब से मूर्ति रखी है तब से लेकर आज तक नगर निगम गाजियाबाद की कोई बोर्ड बैठक नहीं हुई है इसलिए मूर्ति की स्थापना के संबंध में कोई प्रस्ताव पारित नहीं हो सका है। एक प्रार्थना पत्र उनके माध्यम से गाजियाबाद नगर निगम की महापौर आशा शर्मा को दिया गया है, जब भी बोर्ड की बैठक होगी उसमें वह प्रस्ताव पास हो जाएगा उन्हें यह भरोसा है। प्रस्ताव होने के पास होने के बाद मूर्ति का अनावरण हो जाएगा। उन्होंने गांव के सभी लोगों से शांति और सहयोग की अपील की है।

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