पत्रकार को प्रताड़ित करना भारी पड़ सकता है सूचना विभाग को
पत्रकार की शिकायत पर जवाब नहीं देने के कारण प्रेस परिषद ने आखिरी मौका दिया जिलाधिकारी गाजियाबाद को
गाजियाबाद(एसपी चौहान) ।
पत्रकार जय प्रकाश भारद्वाज की एक शिकायत पर भारतीय प्रेस परिषद ने निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय सूचना भवन लखनऊ, जिला सूचना अधिकारी और जिलाधिकारी गाजियाबाद को भेजे पत्र में अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए आखिरी मौका दिया है। 2 सप्ताह की समय सीमा बीत जाने के बाद परिषद जांच समिति के सामने प्रकरण को सुनवाई के लिए रख देगी। पत्रकार का आरोप है कि उसे मतगणना के दौरान सूचना विभाग ने प्रेस पास जारी नहीं किया था उल्टा उसे 2 दिन तक प्रताड़ित किया गया था। इसे भी पत्रकारिता पर कुठाराघात बताते हैं।
पत्रकार जयप्रकाश भारद्वाज के मामले में भारतीय प्रेस प्रेस परिषद की अनुभाग अधिकारी (शिकायत) ईषा गर्ग ने दूसरी बार जिला सूचना अधिकारी, जिलाधिकारी गाजियाबाद और सूचना एवं निदेशक जनसंपर्क निदेशालय लखनऊ को चेतावनी पत्र भेजते हुए लिखा है कि उन्होंने पत्रकार जय प्रकाश भारद्वाज से मिली एक शिकायत के मामले में दी गई समय सीमा में अपना पक्ष परिषद के सामने नहीं रखा है। अतः उन्हें 2 सप्ताह का समय और दिया जाता है कि वे अपना पक्ष परिषद के सामने रखें अन्यथा बिना उत्तर के सुनवाई के लिए परिषद की जांच समिति को यह प्रकरण भेज दिया जाएगा।
गौरतलब है कि पत्रकार जयप्रकाश भारद्वाज को मतगणना के दौरान गाजियाबाद के जिला सूचना अधिकारी ने प्रेस पास जारी नहीं किया था उल्टा उन्हें 2 दिन तक प्रताड़ित किया गया। जवकि वे बर्षों से सूचना विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में समाचार संकलन के लिए प्रेस पास पाते रहे हैं। इससे वे अपना काम नहीं कर सके । इस कृत्य को को उन्होंने प्रेस की आजादी पर कुठाराघात मानते हुए भारतीय प्रेस परिषद को जिलाधिकारी एवं जिला सूचना अधिकारी की शिकायत लिखित में की थी।
भारतीय प्रेस परिषद द्वारा जिलाधिकारी गाजियाबाद सहित निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय सूचना भवन हजरतगंज लखनऊ को इस संबंध में अपना जवाब दाखिल करने के लिए पत्र लिखा था। लेकिन सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय जिलाधिकारी कार्यालय अथवा जिला सूचना अधिकारी ने अपना पक्ष दी गई समय सीमा में नहीं रखा।
पत्रकार का आरोप है कि गाजियाबाद के जिला सूचना अधिकारी ने अनेक लोगों की मार्फत इस मामले को भूल जाने के लिए उन पर कई तरह से दबाव बनाया और परिषद के आदेश की अवहेलना करते रहे। वे तभी से मामले को लटकाते चले आ रहे हैं।इस पर उन्होंने एक और शिकायती पत्र भारतीय प्रेस परिषद को लिखा तथा न्याय के लिए गुहार लगाई। उसी के जवाब में भारतीय प्रेस परिषद ने तीनों अधिकारियों के लिए एक मौका और दिया है। परिषद ने आगाह किया है कि जवाब नहीं मिलने की दशा में मामले को मामले को जांच समिति के सामने रख दिया जाएगा और जांच समिति इस संबंध में अपना फैसला सुनाएगी।
Comments
Post a Comment