गाजियाबाद से प्रत्याशी नहीं बदला तो क्षत्रिय समाज बदला लेगा

क्षत्रिय समाज को टिकट नहीं दिए जाने पर समाज उठायेगा कड़ा कदम
 गाजियाबाद (एसपी चौहान)।
अखंड राजपूताना सेवा संस्थान द्वारा शक्ति खंड इंदिरापुरम में दिल्ली एनसीआर के क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया। जिसमें क्षत्रिय समाज में इस बात पर काफी रोष देखा गया कि इस बार क्षत्रिय समाज को टिकट देने में सभी राजनीतिक दलों में नाइंसाफी की है। गाजियाबाद की परंपरागत सीट से भी क्षत्रिय समाज के व्यक्ति को टिकट नहीं दी गई। इस मामले में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है लेकिन इस बार क्षत्रिय समाज बड़े से बड़ा कदम उठाने के लिए बेचैन है ।फिलहाल सभी पार्टियों के राजनीतिक अध्यक्षों को संस्था द्वारा इस संबंध में एक ज्ञापन भेजा गया है जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गाजियाबाद और नोएडा,हरियाणा से करनाल और भिवानी तथा दिल्ली से एक-एक क्षत्रिय प्रत्याशी को टिकट देने की माग की गई है।
 संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव वीपी सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दिल्ली राज्य से आए आरपी सिंह ने राजपूतों की अनदेखी पर गंभीर सवाल उठाए उनका कहना था साठा 84 राजपूतों का गाजियाबाद में गढ़ है उसकी भी अनदेखी की गई है। इसे राजपूत गंभीरता से ले रहे हैं। जवकि  भाजपा से पिछले 20 साल से क्षत्रिय समाज का प्रत्याशी चुनाव जीतता आया है। नोएडा से आए सुरेंद्र सिंह तंवर ने भिवानी के मुद्दे को उठाया जिसमें उन्होंने वर्षों से चली आ रही सुरक्षित सीट को बदलने की मांग की। उन्होंने कहा कि भिवानी और करनाल क्षत्रियों का गढ़ है इसके बावजूद भी विधानसभा में सभी सीट रिजर्व कर दी गई हैं। एसपी सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी को गाजियाबाद से उतारने की बात कही। उधर विवेक भदोरिया ने राजपूतों का आह्वान किया कि वे इसबार नोटा का प्रयोग करें।बीबी सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी की बात कही। दिल्ली से पधारे राजेश सिंह ने बताया कि कभी 84 राजपूत लोकसभा में सदस्य होते थे और अब धीरे-धीरे उनकी संख्या एक षड्यंत्र के तहत कम की जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी केवल एक प्रत्याशी को टिकट दी गई है और उसकी भी जीतने की संभावना नहीं है। एडवोकेट दीपक ठाकुर ने राजपूतों को चलचित्र के माध्यम से बदनाम करने और उनकी शौर्य और बलिदानों को भुला देने का एक षड्यंत्र बताया। जिस समाज के शूरवीरों ने देश जमीन की रक्षा की आज वह अपनी रक्षा के लिए ही परेशान है। लोकतंत्र में उसकी भागीदारी को अनदेखा किया जा रहा है। राजपूत सभा के अध्यक्ष एडवोकेट भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस बार अगर हम चूक गए तो उसका बड़ा नुकसान हमारी अगली पीढ़ी को झेलना पड़ेगा। इसलिए इस बार हर हालत में क्षत्रिय समाज का टिकट काटने वाली बीजेपी को हराना होगा। हमें जमीनी स्तर पर  क्षत्रियों की अनदेखी का मुंहतोड़ जवाब देना होगा। सुशील तोमर ने कहा कि हमें सत्ताधारी दल भाजपा का विरोध करना होगा और जो उसके प्रत्याशी के हरा सके उस प्रत्याशी को अपना समर्थन देना चाहिए। श्यामवीर सिंह भदौरिया ने निर्दलीय प्रत्याशी उतारने के विकल्प को उचित नहीं बताया और उन्होंने भाजपा के केंद्रीय कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन की बात कही। वरुण सिंह पुंडीर ने नोटा को एक अच्छा कदम बताया और उन्होंने आगे कहा कि इस बार दिखावा नहीं कुछ करके दिखाना है। अगर हम इस बार चूक गए तो अगली बार फिर हमारी और भी दुर्गति होगी।
 अपने अध्यक्षीय  भाषण में वीपी सिंह ने बताया कि इस बार हम सभी राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों को पत्र लिखकर के अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं और अगर हमारी बात नहीं सुनी गई, गाजियाबाद और नोएडा से भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदलकर क्षत्रिय समाज के प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया तो  हमारा अगला कदम क्या होगा यह अगली बैठक में तय करेंगे। इस बार आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
अगली बैठक जल्दी ही बुलाए जाने पर सहमति हुई।
         बैठक में सीमा भदोरिया ,सुप्रिया सिंह, निशा छोंकर, राजेशसिंह ,प्रदीपकुमार, महाराज सिंह पुंडीर, एसपी सिंह, रामसिंह, बीबी सिंह ,किशनचौहान, श्यामवीर सिंह भदोरिया, वेद प्रताप सिंह छोकर ,सुरेंद्र तंवर ,आरपी सिंह तंवर ,एसपी सिंह चौहान, वरुण सिंह पुंडीर, सुशीलतोमर, अनिल सोलंकी, अजय तोमर ,सुधीर कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

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