महिलाएं डरें नहीं, अगर कोई उनकी अस्मिता को कुरेदे तो उसका खुलकर जवाब अवश्य दें।
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मेवाड़ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में चार प्रतिभाशाली महिलाएं सम्मानित
साहिबाबाद (एसपी चौहान)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में वसुंधरा स्थित मेवाड़ संस्थान में 4 प्रतिभाशाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिला वक्ताओं ने इस अवसर पर कहा कि महिलाएं डरें नहीं, अगर कोई उनकी अस्मिता को कुरेदे तो उसका खुलकर जवाब अवश्य दें। सभी वक्ताओं ने अपने सारगर्भित वक्तव्य दिये। समारोह में चार अतिथि महिलाओं को इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया और निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने शॉल व स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
साहिबाबाद (एसपी चौहान)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में वसुंधरा स्थित मेवाड़ संस्थान में 4 प्रतिभाशाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिला वक्ताओं ने इस अवसर पर कहा कि महिलाएं डरें नहीं, अगर कोई उनकी अस्मिता को कुरेदे तो उसका खुलकर जवाब अवश्य दें। सभी वक्ताओं ने अपने सारगर्भित वक्तव्य दिये। समारोह में चार अतिथि महिलाओं को इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया और निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने शॉल व स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
सम्मानित होने वाली महिलाएं थीं-आकाशवाणी केन्द्र दिल्ली की प्रोग्राम एग्जीक्युटिव काजल सूरी, एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा की सहायक निदेशक डॉ. शैफाली रायजादा, एमएमएच डिग्री कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉ. बीना शर्मा एवं मिसेज इंडिया क्वीन गगनदीप कौर। चारों महिलाओं ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाएं कानून का सहारा लें। अगर महिलाओं की शक्ति पर प्रहार हो तो डटकर मुकाबला करें। आने वाला युग महिलाओं का युग है। उन्होंने कहा कि बेटियों की बजाय अभिभावक बेटों को नसीहत दें। कहें कि किसी बहन, बहू या बेटी को छेड़ने के बजाय उनकी रक्षा करें। अगर ऐसा माहौल बनाया गया तो देश में बेटियों की अस्मिता बचाना आसान होगा। एक नए युग की शुरुआत होगी। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि लड़कियों को शिक्षा के साथ एक वोकेशनल कोर्स जरूर सिखाएं। उन्हें हुनरमंद बनाएं। महिला को देखने के दृष्टिकोण में बदलाव आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि महिलाएं रोना बंद कर अपनी ताकत को पहचानें। उठें, शक्तिशाली व स्वावलम्बी बनकर अपना ही नहीं देश के सोच का रुख भी बदल दें। डॉ. अलका अग्रवाल ने अपने भाषण में कहा कि धारा के विपरीत बहकर भी आस-पास का माहौल परखें और देश को अपनी सोच से एक नई दिशा दें। देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी के बिना कुछ भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अबला नहीं हैं। पुरुष उन्हें कमजोर न समझें। महिला हर क्षेत्र में आज अपने आपको साबित करने में लगी है। उसके हौसले व जज्बे को पुरुष सलाम करना सीखें। समारोह में स्वाति सागर, प्रिया सिंह, अनुराग ठाकुर, नीशू, स्वाति सिद्धार्थ, साक्षी एंड ग्रुप आदि विद्यार्थियों ने महिला दिवस पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। सफल संचालन अनु मेहरा ने किया। इस अवसर पर मेवाड़ इंस्टीट्यूशन्स का समस्त स्टाफ भी मौजूद रहा।
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