पूज्य तनसिंह जी की जन्म शताब्दी समारोह मनाने के लिए गाजियाबाद में हुई बैठक

पूज्य तन सिंह जी का जन्म शताब्दी समारोह मनाने के लिए राजपूत का लगातार जनसंपर्क 
साहिबाबाद (एसपी चौहान)।
क्षत्रिय समाज के अग्रणी नेता रहे पूज्य तन सिंह जी का जन्मशताब्दी समारोह मनाने के लिए दिल्ली एनसीआर में जनसंपर्क अभियान तेज गति से चल रहा है। जनसंपर्क अभियान में गणपत सिंह भाटी (जैसलमेर), भरतपाल सिंह राठौर (जोधपुर),गंगा सिंह सोढा (जोधपुर)तथा दिल्ली से अखंड राजपूताना सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष केपी सिंह और उनके साथियों की टोली दिल्ली एनसीआर के गांव- गांव जाकर जनसंपर्क कर रही है। समारोह 28 जनवरी को नेहरू  स्टेडियम नई दिल्ली में मनाया जायेगा । जनसंपर्क के द्वारा इस भव्य जन्मशताब्दी समारोह के लिए क्षेत्र के संभ्रांत लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है।
       आज के जनसंपर्क में जिन लोगों की प्रमुख भूमिका रही उनमें प्रमुख थे राजपूत समाज के अग्रणी नेता रमेश सिंह राघव, वरुण सिंह पुंडीर तथा भानु सिसोदिया थे। जनसंपर्क के लिए यह बैठक महाराणा प्रताप भवन नेहरू नगर गाजियाबाद में आयोजित हुई थी इसमें प्रमुख रूप से अखंड राजपूताना सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष केपी सिंह,बीएस राणा सिवाया, प्रदीप सोलंकी दिल्ली,मनोज चौहान वैशाली ,सुशील तोमर एडवोकेट ,शैलेंद्र सिंह चौहान नंदग्राम,राजेंद्र सिंह चौहान ,शंभू सिंह राजावत ,भानु सिसोदिया आरडीसी गाजियाबाद,अरुण पुंडीर राजनगर एक्सटेंशन, बब्लू राघव गोविंदपुरम, वेदपाल सिंह कुशवाहा, सत्यपाल सिंह राघव, गुलशन राजपूत मुरादनगर ,विकास सिंह रावल एडवोकेट संजय नगर ,नरपाल सिंह विजयनगर, सुशील चौहान नेहरू नगर ,विकास राणा मुरादनगर, प्रीतम सिंह तोमर विजयनगर तथा सुरेंद्र भाटी आर्य नगर थे।
      यहां यह गौरतलव है कि पूज्य श्री तन सिंह जी ने 1946 में क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना की थी तथा वह दो बार निर्दलीय विधायक  बाड़मेर से रहे। दो बार सांसद रहे जैसलमेर और बाड़मेर से 1950 में बाड़मेर के चेयरमैन चुने गए थे। 1952 और 1957 में दो बार वे निर्दलीय विधायक चुने गए। इसके बाद 1962 व 1977में वे दो बार निर्दलीय सांसद चुने गए थे। 56 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। यहां यह स्मरणीय है कि 19779 में सांसद का चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन भर आए थे लेकिन जव वे अपनी मां के पास आशीर्वाद लेने गए तो मां की गोद में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। वे जव 3 वर्ष के थे तब उनके पिता का  निधन हो गया था। लेकिन प्रतिभा के धनी पूज्य तन सिंह जी एक साधारण से परिवार में जन्म लेकर हर क्षेत्र में यहां तक कि शिक्षा में भी सर्वोत्तम रहे।
     यह कहने की जरूरत नहीं है कि क्षत्रिय समाज के लिए पूज्य तन सिंह जी ने क्या-क्या सामाजिक कार्य किये और क्या समाज को नई दिशा दी।
     जनसंपर्क के दौरान  लोगों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। इस समारोह को धूमधाम से मनाने के लिए इस बार क्षत्रिय समाज सक्रियता से भाग लेरहा है।

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