इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी के माध्यम से हृदय की नसों में जमी कैल्शियम को बाहर किया


इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी के माध्यम से हृदय रोगी का इलाज
साहिबाबाद (एसपी चौहान)
        यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कौशांबी में इंट्रावैस्मकुलर लिथोट्रिप्सी  के माध्यम से एक हृदय रोगी का सफलतापूर्वक उपचार किया गया।
डॉ असित खन्ना ने बताया कि एक अनूठी पद्धति इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी के माध्यम से गाजियाबाद निवासी 55 वर्षीय ह्रदय रोगी की कैल्शियम जमा होने से हृदय की खून की नली बंद हो चुकी थी। इस बीमारी को अल्ट्रासोनिक वेव द्वारा, कैल्शियम के जमाव को चूर-चूर कर उसे साफ कर उस नली में एंजियोप्लास्टि के माध्यम से सफलतापूर्वक स्टेंट लगाया दिया गया। डॉ असित खन्ना ने बताया कि यह गाजियाबाद क्षेत्र में पहला केस है जिसे इस विधि द्वारा खोला गया है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी शायद इस विधि से अभी तक किसी ने मरीज का उपचार नहीं किया है। 
डॉ असित खन्ना ने बताया कि सामान्यतयः  मरीजों की ह्रदय की नली में ब्लॉकेज होने पर उसे एंजियोप्लास्टी कर बलूनीन्ग् एवं स्टेंटिंग कर खोल दिया जाता है, किंतु जिन मरीजों की नली में कैल्शियम जमा होने की वजह से एक कठोर प्लॉक जमा हो जाता है, या नली पथरा जाती है उनमें एंजियोप्लास्टी करने में बहुत दिक्कत आती है और उस नली को ऐसे ही छोड़ना पड़ जाता है किंतु इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी की विधि के माध्यम से अब उन प्रकार की पथराई हुई  नलियों को खोला जा सकता है, उन्होंने बताया कि यह उसी प्रकार है जैसे कि हम गुर्दे की पथरी को लेजर विधि से लिथोट्रिप्सी कर तोड़ते हैं।       क्लीनिकल डायरेक्टर डॉक्टर आरके मणि ने कहा कि यह क्रांतिकारी इलाज की पद्धति है जिससे ऐसे मरीजों को जिनमें हृदय की नलियों में कैलशिफाइड ब्लॉकेज है और उनकी बाईपास सर्जरी नहीं की जा सकती उनके लिए यह वरदान साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि इस विधि से 80 से 90प्रतिशत उपचार प्रक्रियाओं में सफलता मिल जाती है और मरीज सामान्य जीवन जी पाता है।

Comments

Popular posts from this blog

निर्वाण फाउंडेशन ने शस्त्र पूजन के साथ मनाया दशहरा पर्व

सादगी से मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती

मूर्ति स्थापना के संदर्भ में भारत सरकार के रक्षा मंत्री से मिले केपी सिंह