जयपुरिया में सातवां डिजिटल सम्मेलन

जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने ‘डिजिटल संस्कृति से प्रतिस्पर्धा  विकास’ पर किया 7वां कॉर्पाेरेट सम्मेलन 
साहिबाबाद(एसपी चौहान)।
          जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इंदिरापुरम (गाजियाबाद) ने शनिवार को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपना 7वां कॉर्पाेरेट सम्मेलन का आयोजन किया। जिसका विषय था ‘डिजिटल संस्कृति से प्रतिस्पर्धा का विकास’। आयोजन का सीधा प्रसारण संस्था की वेबसाइट पर किया गया।
        जानकारी के अनुसार सालाना सम्मेलन बीएफएसआई, एफएमसीजी, आईटी/आईटीईएस क्षेत्रों पर  केंद्रित था। इस सम्मेलन में लगभग 40 हजार प्रतिभागियों ने  दे
भाग लिया। इनमें कॉर्पाेरेट प्रमुख, व्यवसाय प्रमुख, शिक्षाविद और प्रबंधन के विद्यार्थी शामिल थे। इस अवसर पर 20 से अधिक वक्ताओं ने 3 पैनल डिस्कशन में भागीदारी की।
         संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) देवेंद्र नारंग ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया ने सालाना सम्मेलन के मुख्य विषय पर विचार साझा किए और कहा, “डिजिटल क्रांति तेजी से फल-फूल रही है। इसका प्रत्येक उद्योग पर प्रभाव दिख रहा है। इसलिए विभिन्न संगठनों और उनके प्रमुखों को काम-काज संचालन के तरीकों पर नए सिरे से विचार करना होगा और प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए उत्पादों, प्रक्रियाओं, व्यापार मॉडल और ग्राहक अनुभव पर पुनर्विचार करना होगा। मुझे विश्वास है कि आज के सम्मेलन से संबंधित मुद्दों और समस्याओं पर समग्र विचार करने और कॉर्पोरेट जगत एवं उनके प्रमुखों को अधिक जागरूक बनाने में मदद मिलेगी। विकास और उत्कृष्टता की दिशा में उनकी डिजिटल यात्रा आसान होगी।’’
       इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि इंफो एज के सह-संस्थापक और उपाध्यक्ष  संजीव बिखचंदानी थे। मुख्य वक्ता एनआईआईटी समूह के अध्यक्ष और सह-संस्थापक राजेंद्र सिंह पवार थे।
      सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री बिखचंदानी ने महामारी के दौर में उद्योग जगत के डिजिटल परिवर्तन यात्रा को याद किया और इनमें से कई परिवर्तन महामारी के बाद भी बने रहेंगे यह अनुमान है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि डिजिटल परिवर्तन के लिए आवश्यक अंदरूनी कारक पहले से मौजूद थे। पहली बात तो यह कि हमारे पास डिजिटाइज़ करने में सक्षम मानव संसाधन उपलब्ध रहा है। दूसरी बात यह कि बड़ी कंपनियों के डिजिटल होने के साथ पिछले 10 या 15 वर्षों में भारत में स्टार्ट-अप की मुहिम भी तेज हुई है।  डिजिटल होने और नवाचार करने में बहुत-से स्टार्ट-अप्स का बड़ा योगदान रहा है। सबसे बड़ी बात यह कि वर्तमान सरकार की नीति भी बहुत सक्षम रही है।’’
     श्री पवार ने अपने संबोधन में कहा, “कोविड ने केवल 2 वर्षों में हमें डिजिटल क्रांति का पाठ पढ़ा दिया जो एक उद्योग के रूप में हम पिछले 30 वर्षों से करना चाहते थे। नई डिजिटल संस्कृति के निर्माण में कुछ बुनियादी बदलाव सामने आए हैं। सबसे पहले यह कि संगठन की संरचना में आमतौर पर जो हायरार्की हुआ करती थी अब नेटवर्क संरचना में बदल गई है। दूसरा यह कि हम नियंत्रण प्रधान प्रबंधन से सशक्तिकरण प्रधान प्रबंधन अपना रहे हैं। तीसरा यह कि किसी काम को सख्ती के बदले चुस्ती और तीव्रता से करने का चलन आ गया है। और आखिर में हम ने लंबे समय तक कार्य नियोजन की कठिन प्रक्रिया से गुजरने के बदले अब प्रायोगिक अनुभव लेकर काम करने लगे हैं।’
       धन्यवाद ज्ञापन  संस्थान के निदेशक कारपोरेट कार्य विनोद मल्होत्रा ने किया।
        सम्मेलन के अगले चरण में तीन पैनल डिस्कशन आयोजित किए गए जो बीएफएसआई, एफएमसीजी और आईटी/आईटीईएस क्षेत्रों पर केंद्रित थे। पहला पैनल डिस्कशन ‘बीएफएसआई में डिजिटलीकरण’ पर केंद्रित था। इस सत्र के पैनलिस्टों में शामिल थे -  विक्रम सिंह, सह-संस्थापक और वरिष्ठ निदेशक, रेनांसां इंडिया इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स, सुश्री मुक्ता मलिक, उपाध्यक्ष, एक्सिस बैंक,  राजेश पोपली, सहायक निदेशक (मानव संसाधन), ईवाई,दर्पण प्रधान, ह्यूमन रिसोर्स बिजनेस पार्टनर, कोटक लाइफ इंश्योरेंस; नागेश सक्सेना, वरिष्ठ प्रबंधक, बैंक ऑफ अमेरिका, डॉ चंदन शर्मा, प्रोफेसर, आईआईएम, नोएडा।
     दूसरा पैनल सेशन एफएमसीजी सेक्टर में ‘नए व्यापार मॉडल और अभूतपूर्व प्रौद्योगिकियों की खोज’ पर केंद्रित था। एफएमसीजी सेक्टर के भविष्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा में शामिल पैनलिस्टों में शामिल थे - श्री देबरघा देब, एचआर प्रमुख-उत्तर क्षेत्र, डाबर इंडिया लिमिटेड; सुश्री रेणु भट, एचआर, आईटीसी लिमिटेड; सुमित बत्रा, व्यवसाय प्रमुख, आईएफबी इंडस्ट्रीज; सुश्री सिमिन अस्करी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट - कॉर्पाेरेट एचआर, डीएस ग्रुप;  रजनीश सिंह, मैनेजिंग पार्टनर, सिम्पली एचआर सॉल्यूशन;  अभिषेक जैन, सप्लाई चेन एवं ऑपरेशंस प्रमुख, श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद; और  राजीव मल्होत्रा, वाणिज्य निदेशक, ब्रिंडको सेल्स लिमिटेड।
     तीसरा पैनल सेशन लंच के बाद आयोजित था जिसका केंद्रीय विषय था - ‘आईटी एज़ ए ड्राइविंग फोर्स फॉर ट्रांसफॉर्मेशन’। इस पर अपने अनुभव और सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रक्रियाएं साझा करने वाले पैनलिस्टों में शामिल थे -  अशोक कुमार सांगवान, डिलीवरी चैनल प्रमुख, विप्रो लिमिटेड;  नीरज नारंग, निदेशक - एचसीएम प्रोडक्ट स्ट्रैटजी, ओरेकल;  सत्यजीत दास, निदेशक, कैपजेमिनी;  विक्रम कुमार, एवीपी - बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट, एसबीआईकैप सिक्योरिटीज;  उपकार सिंह, उपाध्यक्ष आईटी, आरएमएसआई प्राइवेट लिमिटेड,  तौसीफुर रहमान, संस्थापक और निदेशक, स्टेपिंग क्लाउड कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड; और  ओइनम गौतम, वरिष्ठ प्रबंधक - नियुक्ति, अमेरिप्राइज फाइनेंशियल।
     पूरे सम्मेलन में मैनेजमेंट के विद्यार्थियों, शिक्षकों, शिक्षाविदों, उद्योग प्रमुखों,  व्यापार विशेषज्ञों और उद्यमियों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया और भागीदारी देखी गई।

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